ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मुहूर्त की है बहुत अधिक उपयोगिता।
बिना मुहूर्त के कोई भी कार्य करना नहीं होता है शुभ. हिन्दू संस्कृति के अनुसार षोडश संस्कारों में से एक है विवाह संस्कार। सनातन धर्म में विवाह को माना जाता है एक मांगलिक कार्य। इसलिए विवाह पूर्व शुभ विवाह मुहूर्त का चयन करना है बेहद जरुरी। इस वर्ष 04 नवंबर को मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी। लेकिन 30 सितम्बर से लेकर 25 नवंबर तक रहेगा शुक्र अस्त। शुक्र अस्त के दौरान भूलकर भी न करें विवाह। क्योंकि ग्रह अस्त के दौरान विवाह करने से असफल रहेगा वैवाहिक जीवन। 28 नवंबर से बन रहे हैं शुभ विवाह के योग. Read more: विवाह के लिए कुंडली मिलान | कुंडली का विश्लेषण कैसे करें
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