क्या आपकी भी है अध्यात्म व ईश्वर में गहरी आस्था?
क्या आपका भी नहीं लगता है संसार में मन?
क्या सांसारिक विषयों के प्रति आपके मन में आ रही है अरुचि?
अगर आपकी कुंडली में हों ये ग्रह योग.
तो आप बन सकते हैं एक सन्यासी।
कुंडली में 4 या 4 से अधिक ग्रहों की युति देती है संन्यास।
चतुर्थ भाव व चतुर्थेश पर शनि का प्रभाव बनाता है आध्यात्मिक।
मोक्ष त्रिकोण(4, 8, 12 भाव) में स्थित लग्नेश पर हो शनि का प्रभाव तो हो सकते हैं आप सन्यासी।
शनि के नवांश में स्थित चंद्रमा देता है सन्यास में रूचि।
द्वितीय व चतुर्थ भाव पर हो शनि का प्रभाव तो आप हो सकते हैं सन्यासी।
चतुर्थ भाव में बैठा शनि देता है संन्यास व अध्यात्म में रूचि।
चंद्रमा व लग्नेश पर हो शनि का प्रभाव तो हो सकता है संन्यास की ओर झुकाव।
चंद्र व शनि की युति से होता है सन्यास की ओर रुझान।
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