ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तम भाव होता है विवाह का मुख्य भाव.
गुरु और शुक्र ग्रह होते हैं विवाह के प्रमुख कारक।
सप्तम भाव पर हो क्रूर व पाप ग्रहों का हो प्रभाव तो वैवाहिक जीवन रहता है दुखी।
सप्तमेश नीच राशि में या क्रूर ग्रहों से हो पीड़ित तो वैवाहिक जीवन में आती हैं दिक्कतें।
गुरु व शुक्र ग्रह के पीड़ित या निर्बली होने पर वैवाहिक जीवन में आती हैं परेशानियां।
ज्योतिष विद्या के माध्यम से सुलझ सकती हैं आपकी वैवाहिक समस्याएं।
ज्योतिषीय मार्गदर्शन के द्वारा आप पा सकते हैं वैवाहिक समस्याओं का समाधान/ Astro remedies for Married life problems।
सटीक ज्योतिषीय उपायों के माध्यम से दूर हो सकती हैं आपकी वैवाहिक अड़चने।
Comments