बाल ज्योतिष एक वृहद् विषय है, और यदि आप पालन-पोषण में ज्योतिष की सहायता लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले इसकी मूल बातें जाननी चाहिए। गर्भाधान से लेकर बच्चे के भविष्य तक, बाल ज्योतिष वास्तव में आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। जो लोग वैदिक ज्योतिष की सहायता से बच्चों के पालन-पोषण के संबंध में अपना हर कदम उठाते हैं, उनके जीवन में निश्चित रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त होते हैं ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संतान के कारक हैं देवगुरु बृहस्पति।
माता व पिता के कारक हैं चंद्रमा व सूर्य।
अगर आपकी कुंडली में हो ये ग्रह योग.
तो पड़ सकता है आपके संबंधों पर शुभ-अशुभ प्रभाव।
मेष व सिंह राशि में बैठा सूर्य देता है उत्तम पिता सुख.
वृषभ व कर्क राशि में बैठा चंद्रमा देता है माता का भरपूर प्यार।
कर्क, धनु व मीन राशि में बैठा गुरु देता है संतान का शानदार सुख.
तुला राशि में बैठा सूर्य छीन सकता है पिता का सुख.
वृश्चिक राशि में बैठा चंद्रमा मातृ सुख में करता है कमी.
मकर राशि में स्थित गुरु देता है संतान सुख की कमी.
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