ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चतुर्थ भाव है भूमि-मकान का मुख्य भाव.
ग्रहों के सेनापति मंगलदेव हैं प्रॉपर्टी के कारक ग्रह।
चतुर्थ भाव, चतुर्थेश व मंगल की शुभ-अशुभता का पड़ता है आपके घर पर प्रभाव।
अगर आपकी कुंडली में हो ये ग्रह योग/Auspicious Yoga.
तो हो सकता है आपके घर में राहु का वास।
चतुर्थ भाव में बैठा राहु छीन सकता है आपकी मानसिक शांति।
दशम भाव में बैठा राहु देता है पारिवारिक अशांति।
अष्टम भाव में बैठा राहु नष्ट कर सकता है आपका घरेलु सुख.
चतुर्थेश पर राहु का हो प्रभाव तो आपके घर में हो सकता है पितृ दोष.
चतुर्थेश व राहु की युति से घर में छिड़ती है जंग.
चतुर्थेश पर राहु की दृष्टि से आपके घरेलु सदस्य रहते हैं बीमार।
राहु के नक्षत्र में चतुर्थेश के होने से घरेलू ख़ुशियों को लग सकता है ग्रहण।
मंगल व राहु की युति से घर में हो सकता है वास्तु दोष।
चतुर्थ भाव, चतुर्थेश व मंगल पर हो राहु का प्रभाव तो घर में होता है अदृश्य आत्माओं का वास.
राहु के नक्षत्र में मंगल के बैठने से घर में होते हैं लड़ाई-झगडे।
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