पंचम भाव का वैदिक नाम है पुत्र भाव
इस भाव से संबंधित है पेट, अग्नाशय, रीढ़ की हड्डी, पीठ का ऊपरी और निचला भाग।
पंचम भाव प्रेम और संतान से संबंधित है।
इस भाव के आंकलन से इमेजिनेशन, रोमांस और संतान का संकेत मिलता है।
जब भी हम अपने दिल की इच्छा व्यक्त करते हैं, तो पंचम भाव उसमें शामिल होता है।
सिंह राशि का संबंध होता है इस भाव से।
जन्म कुंडली के पंचम भाव में सूर्य ग्रह देता है सबसे शुभ फल।
यह व्यक्ति को सदारी और उसके संतान को ज्ञान से परीपूर्ण करता है।
लेकिन यह सभी परिणाम तभी फलदायी होंगे, जब सूर्य बलवान होगा।
सूर्य की कमजोर स्थिति आपको परेशानी में डाल सकती है।
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