सात्विक जीवन शैली अपनाएं।
मन, वचन व कर्म से शुद्ध रहने का प्रयास करें।
ईश्वर के जिस रूप में आपकी अगाध श्रद्धा हो उनकी पूजा-अर्चना व जप करें।
साधना में रखें नियम,अनुशासन व सात्विकता का ध्यान।
कुल देवी- देवता की पूजा-अर्चना अवश्य करें।
गरीबों, असहायों व मूक प्राणियों की करें गुप्त सेवा।
इष्ट देवी/देवता के नाम या मंत्र का निरंतर मानसिक जप करें।
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