सनातन संस्कृति में नामकरण का है बहुत अधिक महत्व.
16 संस्कारों में से एक है नामकरण संस्कार।
किसी भी बच्चे के भविष्य पर पड़ता है नाम का गहरा प्रभाव.
शास्त्रों के अनुसार 11वें, 12वें, व 16वें दिन होता है नामकरण संस्कार.
ऐसे रखा जाता है बच्चों का नाम.
ज्योतिष के अनुसार 12 राशियाँ व 27 नक्षत्र होते हैं.
प्रत्येक नक्षत्र के चार भाग कहलाते हैं नक्षत्र चरण.
27 नक्षत्रों के होते हैं 108 चरण.
प्राचीन ऋषियों ने इन 108 चरणों को दिया है एक विशेष अक्षर.
चंद्र ग्रह के आधार पर तय होती है बच्चे की जन्मराशि व जन्मनक्षत्र.
किसी न किसी राशि व नक्षत्र चरण में होता प्रत्येक बच्चे का जन्म.
जन्म के समय चंद्र जिस राशि व नक्षत्र चरण में करता है गोचर.
उसी राशि व नक्षत्र चरण के अनुसार ही रखा जाता है बच्चे का शुभ नाम
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