कुंडली के सप्तम भाव से जुड़ा है दांपत्य सुख.
सप्तम भाव पर नवग्रहों के प्रभाव से पता चलता है जीवनसाथी का नेचर।
सूर्य के प्रभाव से मिलता है सात्विक और राजसी स्वभाव का जीवनसाथी।
चंद्र के प्रभाव से मिलता है भावुक, कलाप्रिय व मृदु स्वभाव का साथी।
मंगल के प्रभाव से मिलता है साहसी, जिद्दी, गुस्सैल व निडर जीवनसाथी।
बुध के प्रभाव से मिलता है विद्वान और बातूनी जीवनसाथी।
गुरु के प्रभाव से मिलता है उच्च शिक्षित, धार्मिक और गुणवान जीवनसाथी।
शुक्र के प्रभाव से मिलता है आकर्षक व रोमांटिक जीवनसाथी।
शनि के प्रभाव से मिलता है गंभीर, समझदार और अनुशासनप्रिय जीवनसाथी।
राहु के प्रभाव से मिलता है विदेशी या रहस्यमयी जीवनसाथी।
केतु के प्रभाव से मिलता है क्रोधी, ज्ञानी और धार्मिक जीवनसाथी.
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